प्रस्तावना:
शेयर बाजार में निवेश करते समय सबसे बड़ा सवाल होता है:
“इसकी निगरानी कौन करता है?”
भारत में शेयर बाजार की निगरानी और रेगुलेशन का जिम्मा SEBI (सेबी) के पास है।
आइए जानते हैं SEBI क्या है, और इसकी क्या-क्या भूमिका होती है।
SEBI क्या है?
SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) एक सरकारी संस्था है, जो भारत में शेयर बाजार और उससे जुड़े सभी वित्तीय गतिविधियों को रेगुलेट करती है।
👉 स्थापना: 1988 (Statutory body: 1992)
👉 मुख्यालय: मुंबई
👉 अधिनियम: SEBI Act, 1992
SEBI के उद्देश्य:
- निवेशकों के हितों की रक्षा करना
- शेयर बाजार में पारदर्शिता बनाए रखना
- धोखाधड़ी और अनियमितताओं को रोकना
- वित्तीय बाजार का संतुलित विकास करना
SEBI की मुख्य भूमिकाएं:
1. निवेशकों की सुरक्षा:
SEBI यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक ठगे न जाएं।
- झूठे IPO रोकना
- कंपनी की सच्ची जानकारी उपलब्ध कराना
- फर्जी ट्रेडिंग पर रोक लगाना
2. नियम बनाना और लागू करना:
SEBI कंपनियों, ब्रोकरों, म्यूचुअल फंड, निवेश बैंकों आदि के लिए गाइडलाइन बनाता है और उस पर निगरानी रखता है।
3. बाजार में निगरानी रखना:
- Insider trading पर निगरानी
- मार्केट manipulation (जैसे शेयर की कीमतें गलत तरीके से बढ़ाना) पर रोक
- suspicious activity पर कार्रवाई
4. निवेशकों को शिक्षित करना:
SEBI Investor Awareness Programs चलाता है जिससे आम लोग वित्तीय ज्ञान पा सकें।
5. IPO और Mutual Fund को मंजूरी देना:
SEBI ही तय करता है कि कोई कंपनी अपना IPO ला सकती है या नहीं।
म्यूचुअल फंड स्कीम की भी जांच करता है।
SEBI किस पर नियंत्रण रखता है?
क्षेत्र | नियंत्रण संस्था |
---|---|
स्टॉक एक्सचेंज (NSE, BSE) | SEBI |
स्टॉक ब्रोकर और ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म | SEBI |
म्यूचुअल फंड कंपनियाँ | SEBI |
IPO जारी करने वाली कंपनियाँ | SEBI |
निवेश सलाहकार व PMS सेवाएं | SEBI |
SEBI के पास क्या अधिकार हैं?
- कंपनियों से रिपोर्ट माँगने का
- किसी भी कंपनी पर जुर्माना लगाने का
- किसी ब्रोकर का लाइसेंस रद्द करने का
- अदालत में मुकदमा दायर करने का
- कोई भी धोखाधड़ी करने वाले को प्रतिबंधित करने का
निष्कर्ष:
SEBI भारतीय शेयर बाजार की रक्षा कवच की तरह काम करता है।
इसकी पारदर्शिता और सख्त निगरानी के कारण ही हम सभी सुरक्षित रूप से निवेश कर पाते हैं।