परिचय: ट्रेडिंग में टर्म्स क्यों ज़रूरी हैं?
शेयर बाजार में सफल होने के लिए सिर्फ स्टॉक्स खरीदना-बेचना ही काफी नहीं है, बल्कि ट्रेडिंग से जुड़े शब्दों (Trading Terms) की समझ होना भी बेहद ज़रूरी है। ये टर्म्स आपको सही निर्णय लेने में मदद करते हैं।
प्रमुख ट्रेडिंग टर्म्स और उनके अर्थ
टर्म | हिंदी में अर्थ | उदाहरण / उपयोग |
---|---|---|
Bull Market | जब मार्केट लगातार ऊपर जा रहा हो | निवेशकों का भरोसा बढ़ता है |
Bear Market | जब मार्केट लगातार नीचे जा रहा हो | निवेशक सतर्क हो जाते हैं |
Intraday | एक ही दिन में खरीद-बिक्री | सुबह खरीदा, शाम को बेचा |
Delivery | शेयर को लंबे समय तक होल्ड करना | हफ्तों या महीनों तक स्टॉक रखना |
Swing Trading | कुछ दिनों या हफ्तों के लिए ट्रेड करना | 3-10 दिन का ट्रेडिंग पीरियड |
Scalping | कुछ ही मिनटों में ट्रेडिंग करना | तेज़ मुनाफे के लिए |
Stop Loss | नुकसान से बचाव का तरीका | ₹100 पर खरीदा, SL ₹95 रखा |
Target Price | जिस कीमत पर मुनाफा लेना हो | ₹120 टारगेट प्राइस तय करना |
Resistance | कीमत जहाँ रुकने या गिरने की संभावना हो | ₹180 पर बार-बार रुकना |
Support | कीमत जहाँ से बार-बार ऊपर जाती है | ₹150 से हर बार बाउंस होना |
Volume | कितने शेयर ट्रेड हो रहे हैं | ज़्यादा वॉल्यूम = ज़्यादा रुचि |
Breakout | जब प्राइस सपोर्ट/रेज़िस्टेंस को पार कर जाए | ₹200 का ब्रेकआउट = नई ऊँचाई |
Gap Up / Down | प्राइस ओपनिंग में बड़ी छलांग या गिरावट | खबरों की वजह से होता है |
Candle / Candlestick | Price chart का तरीका | Green = बढ़त, Red = गिरावट |
Lot Size | F&O में एक फिक्स यूनिट | NIFTY का 1 lot = 50 units |
विशेष शब्द जो अक्सर ट्रेडिंग में आते हैं
- F&O (Futures & Options): डेरिवेटिव ट्रेडिंग के दो प्रकार
- Margin: उधार लेकर ट्रेडिंग करना
- Brokerage: हर ट्रेड पर ब्रोकरेज फर्म का शुल्क
- Volatility: शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव
- PnL (Profit and Loss): ट्रेडिंग का कुल लाभ या हानि
क्यों ज़रूरी है इन टर्म्स की समझ?
- रिस्क मैनेजमेंट के लिए
- सही ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए
- प्रोफेशनल टूल्स और चार्ट्स पढ़ने के लिए
- तकनीकी एनालिसिस समझने के लिए
Elementor Structure Suggestion
- Hero Image with Title
- Intro block (Why Terms Matter)
- Table: Important Terms with examples
- Highlight Box: Pro Tips
- CTA: “और जानें: RSI, MACD, Volume Analysis”
निष्कर्ष
शेयर बाजार की भाषा को समझना उतना ही ज़रूरी है जितना सही स्टॉक चुनना। जितनी बेहतर आपकी ट्रेडिंग शब्दावली की पकड़ होगी, उतनी ही मजबूत होगी आपकी रणनीति।