पोजीशनल ट्रेडिंग क्या है? | Positional Trading in Hindi
पोजीशनल ट्रेडिंग क्या होती है?
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading) एक प्रकार की ट्रेडिंग है जिसमें ट्रेडर किसी शेयर या एसेट को कई दिनों, हफ्तों या महीनों तक होल्ड करता है ताकि लंबी अवधि में प्रॉफिट कमा सके।
यह ट्रेडिंग उन लोगों के लिए होती है जो रोज़ाना मार्केट देखने के बजाय फंडामेंटल एनालिसिस और ट्रेंड्स पर भरोसा करते हैं।
पोजीशनल ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
शेयर चुना जाता है जिसमें लंबे समय का ग्रोथ पोटेंशियल हो
एंट्री पॉइंट पर खरीद कर शेयर को दिनों या हफ्तों तक होल्ड किया जाता है
जब शेयर का मूल्य अपेक्षित स्तर तक पहुँचता है, तो प्रॉफिट पर बेचा जाता है
होल्डिंग अवधि
टाइप
अवधि
शॉर्ट टर्म
2 हफ्ते – 1 महीना
मिड टर्म
1 महीना – 3 महीने
लॉन्ग टर्म
3 महीने से ज़्यादा
ज़रूरी टूल्स और स्ट्रैटेजी
टूल
कार्य
Technical Chart
ट्रेंड, सपोर्ट, ब्रेकआउट पहचानने के लिए
Fundamental Analysis
कंपनी के फाइनेंस और बिज़नेस मॉडल को समझने के लिए
Risk Management
SL (Stop Loss) और Target सेट करने के लिए
News & Results Tracking
Quarterly results, announcements के लिए
पोजीशनल ट्रेडिंग के फायदे
फायदा
विवरण
कम समय की जरूरत
रोज़-रोज़ मार्केट देखने की ज़रूरत नहीं
नौकरी या बिज़नेस वालों के लिए सही
कम समय में भी निवेश संभव
कम तनाव
Intraday या Scalping जितना तेज़ decision making नहीं चाहिए
पोजीशनल ट्रेडिंग उन लोगों के लिए एक बेहतरीन तरीका है जो कम समय देकर भी शेयर बाजार से लाभ कमाना चाहते हैं। यह रणनीति कम रिस्क, ज़्यादा एनालिसिस और धैर्य पर आधारित होती है।