फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) क्या होते हैं? – आसान भाषा में समझिए
प्रस्तावना:
शेयर बाजार में आपने “F&O” या “Derivatives” जैसे शब्द ज़रूर सुने होंगे।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि Futures और Options असल में होते क्या हैं?
क्या ये जुआ हैं या समझदारी से इस्तेमाल करने वाले ट्रेडिंग टूल?
इस ब्लॉग में हम जानेंगे –
F&O क्या है, कैसे काम करता है, इसके फायदे-नुकसान और कौन करें इसमें ट्रेडिंग।
F&O (Futures & Options) क्या है?
F&O मतलब Derivatives Trading — यानी ऐसे कॉन्ट्रैक्ट जिनकी कीमत किसी underlying asset (जैसे stock, index, commodity) पर आधारित होती है।
🔹 Futures क्या हैं?
Futures एक अनिवार्य कॉन्ट्रैक्ट है जिसमें आप तय तारीख और तय कीमत पर किसी स्टॉक या इंडेक्स को खरीदने या बेचने का वादा करते हैं।
Example: आपने Reliance का Futures कॉन्ट्रैक्ट ₹2,500 में खरीदा जो 1 महीने बाद एक्सपायर होगा। अब चाहे प्राइस कुछ भी हो, उस दिन आपको उसे buy/sell करना ही होगा।
🔸 Options क्या हैं?
Options एक “अधिकार (Right)” है, ज़बरदस्ती नहीं।
आप चाहें तो contract को पूरा करें या छोड़ दें।
- Call Option: खरीदने का अधिकार
- Put Option: बेचने का अधिकार
Example: आपने ₹100 देकर एक Call Option लिया जो ₹2500 पर Reliance खरीदने का हक देता है। अगर प्राइस बढ़े तो फायदा, घटे तो Option को छोड़ सकते हैं — ₹100 आपका नुकसान।
Futures vs Options:
विशेषता | Futures | Options |
---|---|---|
Contract Type | Obligation (अनिवार्य) | Right (अधिकार) |
Risk | अधिक | सीमित (premium तक) |
Margin चाहिए? | हाँ | हाँ (option writers को ज्यादा) |
Premium लगता है? | नहीं | हाँ (option buyer को) |
नुकसान की सीमा | अनलिमिटेड | लिमिटेड (buyer के लिए) |
F&O कैसे काम करता है?
- Stock या Index चुनें
- F&O सेक्शन में जाकर Contract Type (Futures/Options) चुनें
- Expiry Date और Strike Price तय करें
- Margin के अनुसार position बनाएं
- Contract expiry या manually square-off करें
फायदे (Advantages of F&O):
- गिरते बाजार में भी मुनाफा (Shorting Possible)
- कम पैसों में बड़ा ट्रेड (Leverage)
- Portfolio Hedging के लिए उपयोगी
- Options Strategy बनाकर risk manage किया जा सकता है
नुकसान (Risks):
- Futures में अनलिमिटेड नुकसान का खतरा
- Options समझे बिना इस्तेमाल किया तो premium डूब सकता है
- Complex strategies, emotional decisions से नुकसान
- Leverage = अधिक जोखिम
F&O कौन करे?
वो लोग:
- जो market को समझते हैं
- जिनके पास experience है
- जो risk को manage करना जानते हैं
- Hedging करना चाहते हैं
❌ Beginners के लिए नहीं — पहले Demo Practice करें या Small Capital से Start करें।
निष्कर्ष:
F&O एक शक्तिशाली लेकिन संवेदनशील टूल है।
यदि आप सही से समझें और Strategy से काम लें, तो ये Portfolio Grow करने का बेहतरीन तरीका है।
लेकिन बिना ज्ञान के ये नुकसान का कारण बन सकता है।
तो सीखें, समझें और फिर करें Futures और Options में निवेश या ट्रेडिंग।