परिचय: इंडिकेटर क्या होते हैं?
शेयर बाजार में Technical Indicators ऐसे टूल होते हैं जो प्राइस, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट जैसे डेटा का विश्लेषण कर ट्रेडिंग सिग्नल देते हैं।
ये इंडिकेटर्स ट्रेडर को यह समझने में मदद करते हैं कि कब खरीदना (Buy), बेचना (Sell) या रुकना (Hold) है।
इंडिकेटर्स कितने प्रकार के होते हैं?
1. ट्रेंड इंडिकेटर्स (Trend Indicators)
यह बताते हैं कि मार्केट किस दिशा में जा रहा है — ऊपर (Bullish) या नीचे (Bearish)।
प्रमुख उदाहरण:
- Moving Averages (MA)
- Moving Average Convergence Divergence (MACD)
- Average Directional Index (ADX)
2. मोमेंटम इंडिकेटर्स (Momentum Indicators)
यह बताते हैं कि प्राइस मूवमेंट की स्पीड कितनी है — यानी तेजी कितनी है या मंदी कितनी गहरी है।
प्रमुख उदाहरण:
- Relative Strength Index (RSI)
- Stochastic Oscillator
- CCI (Commodity Channel Index)
3. वॉल्यूम इंडिकेटर्स (Volume Indicators)
यह बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम पर फोकस करते हैं और दिखाते हैं कि किसी मूवमेंट में कितनी ताकत है।
प्रमुख उदाहरण:
- On Balance Volume (OBV)
- Chaikin Money Flow
- Volume Moving Average
4. वोलैटिलिटी इंडिकेटर्स (Volatility Indicators)
यह बताते हैं कि मार्केट में उतार-चढ़ाव (volatility) कितना है।
प्रमुख उदाहरण:
- Bollinger Bands
- ATR (Average True Range)
कुछ लोकप्रिय Indicators को Detail में समझें:
RSI (Relative Strength Index)
- Range: 0 से 100
- 70 से ऊपर = Overbought
- 30 से नीचे = Oversold
- Reversal Signal के लिए बहुत उपयोगी
MACD (Moving Average Convergence Divergence)
- दो EMA का अंतर + Signal Line
- MACD Line और Signal Line का Cross = Buy/Sell signal
- Zero Line से ऊपर या नीचे जाने से Trend Confirmation मिलता है
Bollinger Bands
- एक Moving Average के ऊपर और नीचे 2 Standard Deviations
- प्राइस अगर Upper Band को छुए = Overbought
- Lower Band को छुए = Oversold
- Useful for Volatile market
✅ Moving Averages (SMA/EMA)
- SMA = Simple Average
- EMA = Recent Price को ज्यादा वेटेज
- Golden Cross (50 EMA cuts 200 EMA from below) = Bullish Signal
- Death Cross = Bearish Signal
इंडिकेटर कैसे इस्तेमाल करें?
स्टेप | कार्य |
---|---|
1 | इंडिकेटर को चार्ट पर लगाएं |
2 | Trend की Direction पहचानें |
3 | Overbought/Oversold ज़ोन को देखें |
4 | Confirmation के लिए दो इंडिकेटर मिलाएं (जैसे RSI + MACD) |
5 | Entry/Exit और Stop Loss तय करें |
केवल इंडिकेटर पर भरोसा क्यों नहीं?
- False Signals भी आ सकते हैं
- Fundamental Analysis + Price Action + News भी ज़रूरी
- हमेशा Backtest करें
निष्कर्ष:
- इंडिकेटर्स आपके ट्रेडिंग के “सहायक” हैं, निर्णयकर्ता नहीं।
- सही ज्ञान और अनुभव के साथ ये बहुत कारगर साबित हो सकते हैं।